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Showing posts from February, 2019

Nationalism on Social media: The Side Effects...!

मैं आजकल जहाँ भी जाता हूँ , भारत-पाकिस्तान की बातें ही हो रही होती है। जितने भी लोग हो , सब अपनी रणनीति बनाने में लगे रहते है। ऐसा कर देंगे तो वैसा हो जाएगा , भारत को अब पाकिस्तान के ऊपर परमाणु बम गिरा ही देना चाहिए , लाहौर पर कब्जा कर लेते है , वगैराह- वगैराह। मैं मानता हूँ की देशभक्ति कूट कूट कर भरी है , मैं मानता हूँ की सब बदला लेना चाहते है , मैं ये भी मानता हूँ की आज हम जिस नए भारत की बात कर रहे है , उसकी नीव सोशल मीडिया पर ही रखी गयी है। मैं नहीं समझ पा रहा था की आखिर क्या बोलू , क्योंकि इस गरम माहौल में लॉजिकल (मेरे लिए लॉजिकल , हो सकता है आपके लिए बेतुकी हो) बातें करना मुझे पिटवा भी सकता है। देखिये न , मैं ट्रैवल पर लिखने वाला बंदा आज आपसे राजनीति , देश , आर्मी और युद्ध की बातें करने जा रहा। वैसे मेरा कोई अनुभव नहीं है इन चीजों में तो अगर आपको सही न लगे तो अपनी राय आप मुझसे सांझा कर सकते है। मैं मीडिया और कम्युनिकेशन का स्कॉलर होने के साथ साथ इसका प्राध्यापक भी हूँ। तो मैं आपको अपनी बात उसी तरीके से समझाने की कोशिश करूंगा। हम आज जिस दौर में जी रहे वो सोशल मी...

Escaping to Calmness: Way to Haridwar and Rishikesh

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आमतौर पर मैं English में लिखना पसंद करता हूँ , पर पिछले ब्लॉग में एक सज्जन ने कहा था जरा हिन्दी में भी लिखा करे , तो बस आज सोचा क्यों न हिन्दी में लिख कर उन्हे खुश किया जाये। अब आपको पढ़ने वाले खुश रहेंगे तो इस में आपकी भलाई भी तो है। वैसे इस बार फिर बात वही अटक गयी थी की क्या लिखा जाये। कुछ दिन पहले हरिद्वार-ऋषिकेश जाने का मौका मिला था तो चलिये वहीं की बात सुनाता हूँ।   हरिद्वार और ऋषिकेश कोई बहुत दूर नहीं बसे हैं , ना ही वहाँ तक पहुँचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ता है। अगर आप दिल्ली या उसके आस पास के है तो मामला और भी आसान हो जाता है। कुछ दिन पहले एक साथ 4-5 छुट्टियाँ आई थी ... बस फिर क्या था , निकल लिए हम भी अपना बैग और कैमरा उठा कर। ट्रेन की टिकट पहले ही करवा रखा था पर कमबख्त भारतीय रेल कभी टाइम पर आई है क्या। पीटीए चला मेरी ट्रेन 7 घंटे की देरी से चल रही , फिर क्या क्या था... सामने दूसरी ट्रेन खड़ी थी , उसके टीटी से बात की और चढ़ गया। ट्रेन देर रात 2:30 बजे हरिद्वार पहुँचने वाली थी तो सोना तो वैसे भी नहीं था मुझे , पहले भी कई बार सोते सोते किसी और स्टेशन पहुँच चुका हू...